इस परिक्षिप्त प्रकाश में जो किरणे दिखाई पड़ी वहीं किरणे रमण किरणें कहलाई।
3.
मर्सरीकृत सेलुलोस के लिये परिक्षिप्त सेलुलोस (dispersed cellulose) और सेलुलोस हाइड्रेट आदि नाम भी दिए गए हैं, पर ये नाम ठीक नहीं हैं।
4.
समुद्र के गहरे नीले पानी ने इनका ध्यान आकर्षित किया जिसके बाद पानी, हवा, बर्फ आदि पारदर्शक माध्यमों के अणुओं द्वारा परिक्षिप्त होने वाले प्रकाश का इन्होंने अध्ययन किया।
5.
रमण प्रभाव के बारे में बोलते हुवे प्रधानाचार्य साहिब सिंह ने बताया कि “ जब अणु प्रकाश को बिखरते हैं तो उस समय मूल प्रकाश में परिवर्तन हो जाता है नवीन किरणों की उपस्तिथि से हम यह परिवर्तन देख सकते है इस परिक्षिप्त प्रकाश में जो किरणे दिखाई पड़ी वही किरणे ‘