उत्पादन-प्रणाली का एक परिघटनात्मक स्तर है और एक संरचनात्मक स्तर है।
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जाति का एक परिघटनात्मक स्तर है और एक संरचनात्मक स्तर है।
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अब ये हर फिल्म को तरन आदर्श की तरह महान और परिघटनात्मक मानते हैं।
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प्रकृति और समाज की हर चीज़ का एक संरचनात्मक और एक परिघटनात्मक धरातल होता है।
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ऐसा नहीं है कि वर्ग संघर्ष संरचनात्मक अवधारणा है जिसका परिघटनात्मक स्तर सामाजिक आन्दोलन हैं।
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वर्ग का एक परिघटनात्मक स्तर (बोध का स्तर) है, एक संरचनात्मक स्तर (धारणा का स्तर) है।
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उनका अपना निष्कर्ष तो स्पष्ट है कि वर्ग संघर्ष की परिघटनात्मक स्तर पर अभिव्यक्ति अब सामाजिक आन्दोलनों के रूप में ही होगी।
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वे बताते हैं कि हर चीज़ का एक परिघटनात्मक धरातल (phenomenal level) होता है और एक अन्तरभूत संरचनात्मक धरातल (structural level) होता है।
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ग़ौरतलब-बहसतलब सवाल यह है कि मार्क् सवाद इस परिघटनात्मक प्रक्रिया की व्याख्या किस प्रकार करता है तथा अन्य वैचारिक अवस्थितियों से इसकी व्याख्या किस प्रकार की जाती रही है!
10.
सामाजिक संरचना जितनी जटिल होती है, उसका संरचनात्मक स्तर उतने ही गहरे में छिपा होता है और परिघटनात्मक सतह तक पहुँचते-पहुँचते उसका प्रभाव उतने ही अधिक जटिल और वैविध्यपूर्ण गुणों को जन्म देता है।