पर्यायवाद, दूसरों के हित के लिये जीने का सिद्धान्त
2.
दूसरों के कल्याण के लिये नि: स्वार्थ भाव से काम करने को पर्यायवाद (
3.
दूसरों के कल्याण के लिये नि: स्वार्थ भाव से काम करने को पर्यायवाद (Altruism) या 'परोपकारिता या आत्मोत्सर्ग कहते हैं।
4.
इसके अलावा, स्पेंसर दान व पर्यायवाद को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखते थे क्योंकि वे स्वैच्छिक साहचर्य में विश्वास रखते थे.
5.
इस तथ्य की अनेक व्याख्यायें हैं: तर्कहीनता, विवेचना के नये मॉडल, या यहां तक कि विभिन्न प्रेरक (जैसे पर्यायवाद).
6.
आदर्श समाज में रहने वाले व्यक्ति न केवल पर्यायवाद ('सकारात्मक उपकारिता') के अभ्यास से आनंद प्राप्त करेंगे, बल्कि वे दूसरों को दुःख़ पहुंचाने ('नकारात्मक उपकारिता') से बचने का भी प्रयास करेंगे.
7.
तंत्रिका अर्थशास्त्र के एक प्रयोग में, अंत:नासिक ऑक्सीटॉसिन ने अंतिम प्रस्ताव वाले खेल में उदारता में 80% की वृद्धि की लेकिन पर्यायवाद (परार्थवाद) की माप करने वाले तानाशाह खेल में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा.