| 1. | में पल्याण का अनुदैर्ध्य संचलन स्वत: पकड़ में आ जाता है।
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| 2. | अंस (shoulder) में पल्याण का अनुदैर्ध्य संचलन स्वत: पकड़ में आ जाता है।
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| 3. | एक दिशा में नियंत्रण खरादों पर होता है जहाँ औजार भीतर तथा बाहर पल्याण (
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| 4. | एक दिशा में नियंत्रण खरादों पर होता है जहाँ औजार भीतर तथा बाहर पल्याण (Saddle) के साथ गति करता है।
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| 5. | 56-हाथी, घोड़े, बैल और ऊँटों की पीठ-सवारी के उपयुक्त पल्याण (जीन, काठी) बनाना ' कला ' है।
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