तारकीय देवताओं (सूर्य, तारे, तारामंडल और शुक्र) को अंगीकृत किया गया और उन्हें मानवरूपी, पशुरूपी और मानवपशुरूपी मूर्तियों और रोजमर्रा की वस्तुओं के माध्यम से व्यक्त किया गया.
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तारकीय देवताओं (सूर्य, तारे, तारामंडल और शुक्र) को अंगीकृत किया गया और उन्हें मानवरूपी, पशुरूपी और मानवपशुरूपी मूर्तियों और रोजमर्रा की वस्तुओं के माध्यम से व्यक्त किया गया.
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‘ द न्यूयार्क टाइम्स ' के 25 जुलाई 1982 अंक में उन्होंने कहा, ‘ नारीवाद समर्थक चाहते हैं कि मैं कहूं, ‘ अरे बहिनो, उस स्वर्णिम सुबह को पाने के लिए मैं तुम्हारे संघर्ष में साथ खड़ी हूं जिसमें पशुरूपी पुरूषों का नामोनिशां भी नहीं होगा।