लेकिन सेना और सिख लड़ाकों के बीच असली भिड़ंत पाँज जून की रात को ही शुरु हुई.
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लेकिन सेना और सिख लड़ाकों के बीच असली भिड़ंत पाँज जून की रात को ही शुरु हुई.
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लेकिन सेना और सिख लड़ाकों के बीच असली भिड़ंत पाँज जून की रात को ही शुरु हु ई.
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मुथन्ना अंकल और आंटी को पूरे दिन संभालते रहे और खुद आकर देर रात गए एनी को भर पाँज पकड़ कर कितना रोये थे | पहली बार ही तो देख रही थी वो डाडा की आँखों में आँसू कि खुद अपने आँसुओं को भूल गई | शुरू से...