| 5. | भारतीय उपमहादेशे सिन्धु प्रदेश, बङ्गदेश ओ आसामेइ मूलत शाक्तदेर बसबास तबे हिंलाजेर तीर्थयात्रीरा आसतेन सारा भारत थेके तीर्थयात्रीरा सेकाले येतेन ऊटेर पिठे चड़े यात्रा शुरु हत कराची शहरेर काछे हाब नदीर धारे सङ्गे थाकत एक मासेर रसद, येमन शुकनो खाबार, मरुदश्युदेर प्रतिरोध करार जन्य अस्त्र, पानीय जल इत्यादि एछाड़ा सङ्गे थाकत हिंलाज मातार प्रसादेर जन्य शुकनो नारकेल, मिछरि, बातासा इत्यादि एक मासेर अत्यन्त कठोर यात्रार पर श्रान्त तीर्थयात्रीरा पौछतेन हिंलाजे अघोर नदीते स्नान सेरे तारा दर्शन करते येतेन हिंलाज माताके एइ मन्दिर स्हानीय बालुच मुसलमानदेर काछेओ आदरनीय छिल तादेर काछे एटि नानी की हज नामे परिचित
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