| 1. | -जब कॉलोनाइज्ड इंडिया (औपनिवेशिक भारत) में पाश्चात्यकरण को सेलेक्टिवली (आंशिक रूप से) अपनाया गया तो वह सही था.
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| 2. | कई जातीय अल्पसंख्यक ने अपनी संस्कृति, भाषा, और पहचान को अनुरक्षित किया है जबकि कई पाश्चात्यकरण से प्रभावित होते जा रहे हैं.
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| 3. | संस्कृति की छीन होने की डर से जातिय नस्लीय श्रेष्ठता तथा पूर्वी एवं पाश्चात्यकरण की आपसी मतभेद भी देखने को मिलती है।
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| 4. | कई जातीय अल्पसंख्यक ने अपनी संस्कृति, भाषा, और पहचान को अनुरक्षित किया है जबकि कई पाश्चात्यकरण से प्रभावित होते जा रहे हैं.
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| 5. | -जब कॉलोनाइज्ड इंडिया (औपनिवेशिक भारत) में पाश्चात्यकरण को सेलेक्टिवली (आंशिक रूप से) अपनाया गया तो वह सही था.
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| 6. | कई जातीय अल्पसंख्यक ने अपनी संस्कृति, भाषा, और पहचान को अनुरक्षित किया है जबकि कई पाश्चात्यकरण से प्रभावित होते जा रहे हैं.
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| 7. | लेकिन बात सिर्फ लिट्टी-चोखे की नहीं है, बल्कि भोजपुरिया माटी से जुडे ऐसे सैकडों व्यंजन हैं, जिनको पाश्चात्यकरण की अंधी दौड में लोग भुल रहे हैं।
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