| 1. | पित्तप्रकृति व्यक्ति की उर्जा और कर्मशक्ति यदि उचित
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| 2. | और उसके स्वभाव में पित्तप्रकृति (कोपशीलता) का प्राधान्य है।
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| 3. | उदाहरण के लिए, उन मामलों में पित्तप्रकृति (कोपशील) मनुष्य
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| 4. | शिक्षक को पित्तप्रकृति (कोपशील) तथा वातप्रकृति (विषादी)
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| 5. | पित्तप्रकृति के लोगों को गाजर का क्रम एवं सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए।
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| 6. | अभाव का पित्तप्रकृति (कोपशील) स्वभाव से संबंध होना अनिवार्य नहीं है।
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| 7. | हर पित्तप्रकृति (कोपशील) मनुष्य अपने निश्चय पर अड़िग नहीं रहता और न हर
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| 8. | पित्तप्रकृति (कोपशील)-कमल सहपाठियों के बीच अपने उतावलेपन के लिए प्रसिद्ध है।
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| 9. | सामान्यतः शिक्षक को पित्तप्रकृति (कोपशील) तथा वातप्रकृति (विषादी) स्वभावोंवाले बच्चों पर विशेष ध्यान देना पड़ता है:
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| 10. | कफप्रकृति के लोग वर्षाऋतु में शहद के साथ व पित्तप्रकृति के लोग मिश्री तथा आँवले के साथ दही का सेवन करें ।
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