तंत्रशास्त्र के अनुसार, बगुलामुखी पीतिमा की देवी हैं।
2.
मीलों से सरसों की पीतिमा मन को मोह लेती है।
3.
नीलिमा और दर्शन की पीतिमा ने नीर-क्षीर की तरह घुल-मिलकर प्रसाद की हरियाली उपजा
4.
जहां काव्य और दर्शन मिलें, उस बिन्दु को ‘ प्रसाद ' कहा जाना चाहिए? यों धरती और आकाश कहीं नहीं मिलते ; काव्य की नीलिमा और दर्शन की पीतिमा ने नीर-क्षीर की तरह घुल-मिलकर प्रसाद की हरियाली उपजा ली थी! किंतु काव्य और दर्शन परस्पर विरोधी कहां हैं?