मुक्ताखचित प्रवालभवनों में पुष्पराग और नीलमणि के स्तम्भों के बीच हीरे के
4.
इस राशि का रत्न पुष्पराग मणि तथा सहायक रत्न विद्रुम और मुक्ता हैं।
5.
बृहस्पति ग्रह से संबंधित रत्न, पुखराज को संस्कृत में पुष्पराग, हिन्दी में पुखराज कहा जाता है।
6.
' मेरी कविता का उद्देश्य, (हे पाठक), तुम्हें पुष्पराग देने का नहीं, बल्कि तुम्हारे अंतर की आग को प्रस्फुटित करने का है।
7.
गुना से आये लेखक, आंदोलनकर्मी पुष्पराग ने अपनी बात की शुरूआत इस तरह से की, ''जो लोग इतिहास से नहीं सीखते वह इतिहास दोहराने के लिए अभिशप्त होंगे।
8.
वज्र या हीरा । मुक्तामणि । पद्मराग । मरकत । इन्द्रनील । वैदूर्य । पुष्पराग । कर्केतन । पुलक । रुधिर । स्फ़टिक । प्रवाल आदि कहते हैं ।
9.
उसी यज्ञ में एक सौ आठ पुष्पो के पराग कण से यह नग तैयार किया गया. इसका नाम मूल रूप में “ पुष्पराग ” है. पुखराज इसका बदला हुआ नाम है.
10.
वज्रमुक्ता, पद्मराग, मरकत, इन्द्रनीली, वैदूर्य, पुष्पराग, कंकेतन, पुलक, रुधिरक्ष, भीष्म, स्फटिक तता प्रवाल इन 13 प्रकार के जवाहरातों से नागरिक के कई अलंकार बनते हैं।