असं काहीही पूर्वनियोजन न करता भटकण्यामध्ये मस्त मजा असते.
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पर दर्द हालत के थपेड़ों से सहसा मिलता है उसके लिए कोई पूर्वनियोजन नहीं होता।
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इन दोनोंमें से यदि आपको लगता है कि ‘ मैं भी राम जैसा बनूं ' तो आपको भी प्रत्येक बातका पूर्वनियोजन करना होगा ।
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यद्यपि मेरे जीवन में पूर्वनियोजन था प्रारब्ध का तुम्हारा पदार्पण तथापि प्रतिक्षण प्रति पदचाप कान जा टिकते हैं द्वार पर सुनने को करने को अनुभूत तुम्हारा आगमन
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बापूजी के खिलाफ षड्यंत्र और मीडिया का मनोवैज्ञानिक दबाव (इस पोस्ट को पूरा पढ़िए & खूब SHARE कीजिये)-शिल्पा अग्रवाल, साइकोलाजिस्ट, पुणे संत श्री आशारामजी बापू के खिलाफ जो षड्यंत्र चल रहा है, उसको मनोवैज्ञानिक तरीके से किस तरह से पूर्वनियोजन किया गया है, मैं एक मनोवैज्ञानिक होने के नाते यह आपको बताना चाहती हूँ ।
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इसी वक़्त कोई उसे कहता है कि तू तब तक अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता जब तक तुझमें एक जूनून न हो, तड़प न हो, दर्द न हो, टुटा हुआ दिल न हो...अपने लक्ष्य को हासिल करने की दीवानगी इस कदर नायक के दिल में हैं...कि वो बुद्धिपूर्वक उस दर्द को पाना चाहता है...जानबूझ के तड़पने के लिए उसमे बेकरारी है...पर दर्द हालत के थपेड़ों से सहसा मिलता है उसके लिए कोई पूर्वनियोजन नहीं होता।