सभ्यता के विकास के साथ-साथ समाज में पेचीदापन बढ़ता रहा है ।
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सभ्यता के विकास के साथ-साथ समाज में पेचीदापन बढ़ता रहा है ।
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जाहिर सी बात है कि जटिल के अर्थ में उलझाव या पेचीदापन यूं ही नहीं समा गया ।
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बोले भाई डिकेंस की सबसे बड़ी खूबी यह है कि उनके पात्रों में या उनके वर्णन में भूलभुलैया वाला पेचीदापन नहीं हैं.
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इस प्रकार के व्यक्तियों को मनोवैज्ञानिक, फिसिकल उपचार के माध्यम से ठीक किया जा सकता है किन्तु इस विषय में पेचीदापन तब आ जाता है जब इस प्रकार की मनोदशा के नाम का लाभ उठाकर स्वस्थ मानसिक स्थिति वाला व्यक्ति भी रोग के बहाने अन्य व्यक्तियों का शोषण करने लगता है तब उस प्रकार के कृत्य को हम अपराध की संज्ञा अवश्य दे सकते है.
परिभाषा
पेचीदा या जटिल होने की अवस्था या भाव:"उसने क़ानून की पेचीदगी का फ़ायदा उठाया" पर्याय: पेचीदगी, जटिलता, पेचीलापन,