पॉल डाइरेक ने इसे ‘ एंटीइलेक्ट्रान ' या ‘ पॉजिट्रॉन ' कहा।
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इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक आवेश वाला ऊर्जा कण है, जबकि इसका प्रतिबिम्ब पॉजिट्रॉन धनावेशित ऊर्जा कण।
5.
पॉजिट्रॉन की तरह प्रोटान के एंटीप्रोटान और न्यूट्रान के एंटीन्यूट्रान होने की बात भी सामने आई।
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उसी भाँति यदि बीटा किरण अभिक्रिया में एक पॉजिट्रॉन प्राप्त हो तो प्रोटान संख्या इकाई द्वारा कम तथा क्लीबान संख्या में इकाई की वृद्धि होती है।
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उसी भाँति यदि बीटा किरण अभिक्रिया में एक पॉजिट्रॉन प्राप्त हो तो प्रोटान संख्या इकाई द्वारा कम तथा क्लीबान संख्या में इकाई की वृद्धि होती है।
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सभी पार्टिकल और एंटीपार्टिकल्स का आकार एक समान किन्तु आवेश भिन्न होते हैं, जैसे कि एक इलैक्ट्रॉन ऋणावेशी होता है जबकि पॉजिट्रॉन घनावेशी चार्ज होता है।
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सभी पार्टिकल और एंटीपार्टिकल्स का आकार एक समान किन्तु आवेश भिन्न होते हैं, जैसे कि एक इलैक्ट्रॉन ऋणावेशी होता है जबकि पॉजिट्रॉन घनावेशी चार्ज होता है।
10.
इसका मतलब ये हुआ कि एंटीप्रोटान, एंटीन्यूट्रान और पॉजिट्रॉन के संयोग से जो चीज बनती है वो पदार्थ की मिरर इमेज या प्रतिबिम्ब यानि एंटीमैटर या प्रतिपदार्थ है।