छठी शताब्दी में बीथियस ने, अरस्तू की “कैतागोरिया” नामक पुस्तक का पॉर्फिरी (233-304) कृत परिचय अनूदित कर, नामवाद (नॉमिनलिज्म) का मार्ग प्रशस्त किया।
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छठी शताब्दी में बीथियस ने, अरस्तू की “कैतागोरिया” नामक पुस्तक का पॉर्फिरी (233-304) कृत परिचय अनूदित कर, नामवाद (नॉमिनलिज्म) का मार्ग प्रशस्त किया।
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अरस्तू के तर्कशास्त्र के व्याख्याकार पॉर्फिरी (232-304) ने प्लाटिनस के ग्रंथों का छह खंडों, में जिनमें से प्रत्येक में नौ ग्रंथ हैं, संपादन किया था, जो उपलब्ध हैं।
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अरस्तू के तर्कशास्त्र के व्याख्याकार पॉर्फिरी (232-304) ने प्लाटिनस के ग्रंथों का छह खंडों, में जिनमें से प्रत्येक में नौ ग्रंथ हैं, संपादन किया था, जो उपलब्ध हैं।
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छठी शताब्दी में बीथियस ने, अरस्तू की “ कैतागोरिया ” नामक पुस्तक का पॉर्फिरी (233-304) कृत परिचय अनूदित कर, नामवाद (नॉमिनलिज्म) का मार्ग प्रशस्त किया।