“किसके लिए? पोताध्यक्ष मणिभद्र अतल जल में होगा-नायक! अब
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“किसके लिए? पोताध्यक्ष मणिभद्र अतल जल में होगा-नायक! अब इस नौका
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' ' '' किसके लिए? पोताध्यक्ष मणिभद्र अतल जल में होगा-नायक! अब इस नौका का स्वामी मैं हूं।
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नायक ने कहा-“बुधगुप्त! तुमको मुक्त किसने किया?” कृपाण दिखाकर बुधगुप्त ने कहा-“इसने।” नायक ने कहा-“तो तुम्हें फिर बंदी बनाऊँगा।” “किसके लिए? पोताध्यक्ष मणिभद्र अतल जल में होगा-नायक! अब इस नौका का स्वामी मैं हूँ।” “तुम? जलदस्यु बुधगुप्त? कदापि नहीं।”-चौंककर नायक ने कहा और अपना कृपाण टटोलने लगा!