इन विषयों में उनकी विद्वत्ता, प्रकांडता और ज्ञान से महान भारतीय दार्शनिक श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी बहुत प्रभावित थे और डॉ. भगवान दास उनके लिए आदर्श व्यक्तित्व बने।
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साथ ही ये अपने काम के ज़रिए ये जताते भी रहे है कि महंगे इक्विपमेंट्स, टेक्नोलॉजी, ग्राफिक्स, लुक्स, प्रकांडता और अहंकार के बग़ैर भी टीवी पत्रकारिता की जा सकती है।
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विद्यापति का समय शास्त्र-वेद में प्रकांडता और संस्कृत में काव्य-रचना करके विद्वता दिखाने का था, जो हालांकि विद्यापति ने किया भी. इसके बावजूद देशभाषा में काव्य-रचना करने के लिए उनके समकालीनों ने उनका बहुत मखौल उड़ाया.