उसके बाद प्रकार्यवाद, संरचनावाद आया और उसके बाद हम
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ऐतिहासिक रूप से बड़े परिप्रेक्ष्य मार्क्सवाद और प्रकार्यवाद रहे हैं.
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ऐतिहासिक रूप से बड़े परिप्रेक्ष्य मार्क्सवाद और प्रकार्यवाद रहे हैं.
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उनके कार्यों को क्रमशः प्रकार्यवाद, द्वंद सिद्धांत और गैर-प्रत्यक्षवाद के उपदेशों में आरोपित किया जा सकता है.
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सांस्कृतिक भौतिकवाद • सांस्कृतिक सिद्धांत • नारी अधिकारवादी • प्रकार्यवाद • व्याख्यात्मक • निष्पादन अध्ययन • राजकीय अर्थशास्त्र • अभ्यास सिद्धांत • संरचनावाद •
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20वीं सदी के मध्य के वर्षों में प्रकार्यवाद के प्रभुत्व के साथ, ज्ञान का समाजशास्त्र, समाजशास्त्रीय विचारों की मुख्यधारा की परिधि पर ही बना रहा.
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20वीं सदी के मध्य के वर्षों में प्रकार्यवाद के प्रभुत्व के साथ, ज्ञान का समाजशास्त्र, समाजशास्त्रीय विचारों की मुख्यधारा की परिधि पर ही बना रहा.
8.
उनके कार्यों को क्रमशः प्रकार्यवाद, द्वंद सिद्धांत और गैर-प्रत्यक्षवाद के उपदेशों में आरोपित किया जा सकता है.सिमेलऔर पार्सन्स को कभी-कभार चौथे “प्रमुख व्यक्ति” के रूप में शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है.
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उनके कार्यों को क्रमशः प्रकार्यवाद, द्वंद सिद्धांत और गैर-प्रत्यक्षवाद के उपदेशों में आरोपित किया जा सकता है.सिमेलऔर पार्सन्स को कभी-कभार चौथे “प्रमुख व्यक्ति” के रूप में शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल किया जाता है.
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व्यवहारवाद के पीछे कई पूर्ववर्ती कारक थे जिनमे प्रारंभिक दर्शनशास्त्रीय प्रवृति जिसमे वस्तुनिष्ठा पर बल डाला गया है, पशु मनोविज्ञान में पैवलोवियन के अनुबंधित प्रतिवर्तों वाले प्रयोग और प्रकार्यवाद का योगदान रहा है …