| 1. | तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नियताः स्वया ॥७-२०॥
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| 2. | लिंग के रूप में जन्म प्रकृत्या होता है।
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| 3. | यह प्रादेश प्रकृत्या जारी नहीं किया जाता।
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| 4. | (प्रकृत्या स्वभावेन सिद्धं प्राकृतम्) ।
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| 5. | तं तं नियममास्थाय प्रकृत्या नियताः स्वया ॥ भावार्थ:
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| 6. | जनक उवाच-प्रकृत्या शून्यचित्तो यः प्रमादाद भावभावनः ।
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| 7. | प्रकृत्या मनुष्य सन्तुलित एवं व्यवस्थित ही रहना चाहता है।
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| 8. | गोस्वामी तुलसीदास प्रकृत्या एक क्रांतदर्शी कवि थे।
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| 9. | यह प्रादेश प्रकृत्या जारी नहीं किया जाता।
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| 10. | रूप से जारी किया जाता है किंतु वह इसे प्रकृत्या जारी नहीं करता (
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