हींग गर्म तीक्ष्ण वात कफ़ और शूल को नष्ट करती है और पित प्रकोपक होती है!
3.
यदि वह प्रकोपक की हत्या करता है तो धारा 303 के तहत एक मात्र दण्ड मृत्युदण्ड है।
4.
श्लैष्मिक पाण्डु-कफ प्रकोपक आहार-विहारों के सेवन से कफ प्रकुपित होकर पूर्वोक्त सम्प्राप्ति केअनुसार पाण्डु रोग उत्पन्न करता है.
5.
पित्त प्रकोपक आहार-विहार सेवन. सम्प्राप्तिउपर्युक्त कारणों से पित्त की विशेषतः उसके अम्ल-~ गुण की वृद्धि हो जाती है.
6.
वात प्रकोपक आहार विहार से परहेज रखें जैसे की, दिन मे चावल, कढी, आइसक्रीम, आदि मत ले
7.
वात प्रकोपक आहार विहार से परहेज रखें जैसे की, दिन मे चावल, कढी, आइसक्रीम, आदि मत ले
8.
धूम्रपान एवं अन्य वायुमंडलीय प्रदूषक तत्व नाक के अस्तर पर उत्तेजक या प्रकोपक की तरह असर दिखाकर, हल्की सूजन पैदा करते हैं, जिससे नाक से स्राव हो सकता है या गंदगी जम सकती है।
9.
उष्णता के कारण मद्य पित्त वर्धक होता है, तीक्ष्णता से मन की स्फूर्ति नष्ट करने वाला, विशद होने के कारण वात प्रकोपक, तथा कफ शुक्र को नष्ट करने वाला होता है।
10.
धूम्रपान एवं अन्य वायुमंडलीय प्रदूषक तत्व नाक के अस्तर पर उत्तेजक या प्रकोपक की तरह असर दिखाकर, हल्की सूजन पैदा करते हैं, जिससे नाक से स्राव हो सकता है या गंदगी जम सकती है।