प्रतिज्ञाकर्ता द्वारा वैध निष्पादन-निविदा कर दिए जाने के बाद, प्रतिज्ञाती को निष्पादन को स्वीकारना होता है।
2.
प्रतिज्ञाकर्ता द्वारा वैध निष् पादन-निविदा कर दिए जाने के बाद, प्रतिज्ञाती को निष् पादन को स् वीकारना होता है।
3.
प्रतिज्ञाकर्ता को चाहिए कि संविदा के तहत या तो अपने दायित्व अवश्य वास्तव में पूरे करे या प्रतिज्ञाती को ऐसा करने की पेशकश करे।
4.
प्रतिज्ञाकर्ता को चाहिए कि संविदा के तहत या तो अपने दायित् व अवश् य वास् तव में पूरे करे या प्रतिज्ञाती को ऐसा करने की पेशकश करे।
5.
यदि निष्पादन-निविदा दूसरे पक्ष द्वारा अस्वीकृत कर दी जाए तो प्रतिज्ञाकर्ता निष्पादन न किए जाने के लिए जिम्मेदार नहीं होता और वह संविदा भंग करने के लिए प्रतिज्ञाती पर मुकदमा दायर कर सकता है।
6.
यदि निष् पादन-निविदा दूसरे पक्ष द्वारा अस् वीकृत कर दी जाए तो प्रतिज्ञाकर्ता निष् पादन न किए जाने के लिए जिम् मेदार नहीं होता और वह संविदा भंग करने के लिए प्रतिज्ञाती पर मुकदमा दायर कर सकता है।