सममित आणविक कक्षीय का गठन, यानी + चिह्न के साथ) प्रतिसममित प्रचक्रण दशा में (अर्थात्-चिह्न के साथ) स्वतः पाउली सिद्धांत के माध्यम से परिणत होती है.
2.
सममित आणविक कक्षीय का गठन, यानी + चिह्न के साथ) प्रतिसममित प्रचक्रण दशा में (अर्थात्-चिह्न के साथ) स्वतः पाउली सिद्धांत के माध्यम से परिणत होती है.
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सममित आणविक कक्षीय का गठन, यानी + चिह्न के साथ) प्रतिसममित प्रचक्रण दशा में (अर्थात्-चिह्न के साथ) स्वतः पाउली सिद्धांत के माध्यम से परिणत होती है.
4.
इसके विपरीत, इलेक्ट्रॉनों का कूलंब विकर्षण, यानी इस विकर्षण द्वारा एक दूसरे से बचने की उनकी प्रवृत्ति, इन दो कणों के प्रतिसममित कक्षीय प्रकार्य में (अर्थात्-चिह्न सहित) और अनुपूरक सममित प्रचक्रण प्रकार्य (अर्थात् + चिह्न सहित, तथाकथित “त्रिक प्रकार्यों” में से एक) में परिणत होगी.
5.
इसके विपरीत, इलेक्ट्रॉनों का कूलंब विकर्षण, यानी इस विकर्षण द्वारा एक दूसरे से बचने की उनकी प्रवृत्ति, इन दो कणों के प्रतिसममित कक्षीय प्रकार्य में (अर्थात्-चिह्न सहित) और अनुपूरक सममित प्रचक्रण प्रकार्य (अर्थात् + चिह्न सहित, तथाकथित “त्रिक प्रकार्यों” में से एक) में परिणत होगी.
6.
इसके विपरीत, इलेक्ट्रॉनों का कूलंब विकर्षण, यानी इस विकर्षण द्वारा एक दूसरे से बचने की उनकी प्रवृत्ति, इन दो कणों के प्रतिसममित कक्षीय प्रकार्य में (अर्थात्-चिह्न सहित) और अनुपूरक सममित प्रचक्रण प्रकार्य (अर्थात् + चिह्न सहित, तथाकथित “ त्रिक प्रकार्यों ” में से एक) में परिणत होगी.