यकृत के प्रतिहारिणी (portal) रक्तसंचरण की बाधा हमेशा तथा विशेष रूप से दिखाई देनेवाले जलोदर का सर्वसाधारण कारण है।
2.
में बढ़ी हुई लसीका ग्रंथियों जैसे यकृत के बाहर के कुछ विकारों में प्रतिहारिणी शिराओं पर दबाव पड़ने से उत्पन्न होती है।
3.
यह बाधा कर्कट (Cancer) और सूत्रणरोग (Cirrhosis) जैसे यकृदंतर्गत कुछ विकारों में तथा आमाशय, ग्रहणी, अग्न्याशय इत्यादि एवं विदर (Fissure) में बढ़ी हुई लसीका ग्रंथियों जैसे यकृद्बाह्य कुछ विकारों में प्रतिहारिणी शिराओं पर दबाव पड़ने से उत्पन्न होती है।