| 1. | 6. बृहस्पति प्रत्यन्तर 4 फरवरी तक है।
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| 2. | महादशाओं, अन्तर्दशाओं एवं प्रत्यन्तर दशाओं का यही रहस्य है।
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| 3. | इसके नये अन्तर-प्रत्यन्तर खुलते हैं।
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| 4. | गोचर ग्रहों, दशान्तर्दशा एवं प्रत्यन्तर का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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| 5. | इसे विशोत्तरी दशाओं के अन्तर-प्रत्यन्तर क्रम के अनुसार जाना जा सकता है।
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| 6. | उसका अस्तित्व सूक्ष्म ऊर्जाओं के आरोह-अवरोह एवं अंतर-प्रत्यन्तर की प्रयोगशाला बन जाता है।
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| 7. | योग कारक ग्रहों की महादशा, अन्तर्दशा व प्रत्यन्तर दशादि में योगों का फल मिलता है।
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| 8. | 20 मई से केतु का प्रत्यन्तर प्रारम्भ हो रहा है, जो जुलाई 2013 ई तक चलेगा।
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| 9. | कहने को तो ध्यान की विधा एक ही है, परन्तु इसके सूक्ष्म अन्तर-प्रत्यन्तर अनेकों हैं।
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| 10. | चन्द्रमा के प्रत्यन्तर में अप्रेल 2012 से जुलाई 2012 के मध्य कोई विशेष सम्माननीय पुरुस्कार मिल सकता है।
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