| 1. | इस ग्रंथ में प्रत्यभिज्ञा दर्शन की छाप है।
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| 2. | इस ग्रंथ में प्रत्यभिज्ञा दर्शन की छाप है।
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| 3. | प्रत्यभिज्ञा दर्शन और माया-विशाल प्रसाद त्रिपाठी
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| 4. | करें हम प्रत्यभिज्ञा ऋतुराज वसन्त वात्सल्यमयी माँ वात्सल्यमयी माँ,
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| 5. | इसकी स्पंद और प्रत्यभिज्ञा दो शाखाएँ हैं।
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| 6. | प्रत्यभिज्ञा या त्रिक्दर्शन शुष्क ज्ञानमार्ग नहीं है।
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| 7. | प्रत्यभिज्ञा या त्रिक्दर्शन शुष्क ज्ञानमार्ग नहीं है।
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| 8. | प्रत्यभिज्ञा-धाराप्रवाही प्रत्यक्षज्ञान को “प्रत्यभिज्ञा” कहा जाता है।
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| 9. | प्रत्यक्ष या प्रत्यभिज्ञा से ज़्यादा आभासों का आभालोक...
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| 10. | प्रत्यभिज्ञा-धाराप्रवाही प्रत्यक्षज्ञान को “प्रत्यभिज्ञा” कहा जाता है।
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