प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता क्रोबर के अनुसार “प्रजाति एक प्रमाणिक प्राणिशास्त्रीय अवधारणा हैं ।
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अपने अध्ययन काल में ही इन्होंने कैप्टेन कुक की समुद्री यात्रा से प्राप्त प्राणिशास्त्रीय नमूनों को व्यवस्थित किया।
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अपने अध्ययन काल में ही इन्होंने कैप्टेन कुक की समुद्री यात्रा से प्राप्त प्राणिशास्त्रीय नमूनों को व्यवस्थित किया।
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मनुष्य का प्राणिशास्त्रीय अध्ययन, उसका उद्भव एवं विकास, मानव-शरीर-रचना, प्रजनन शास्त्र एवं प्रजाति इत्यादि शारीरिक मानव शास्त्र के अंतर्गत हैं।
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मनुष्य का प्राणिशास्त्रीय अध्ययन, उसका उद्भव एवं विकास, मानव-शरीर-रचना, प्रजनन शास्त्र एवं प्रजाति इत्यादि शारीरिक मानव शास्त्र के अंतर्गत हैं।
6.
मार्क्सवाद तथा फ्रायड के प्राणिशास्त्रीय मनोदएशन का युग की विचारधारा पर प्रभाव जन समाज का पुन: संगठन एवं दलित लोक समुदाय का जीर्णोद्धार।
7.
प्रजातिय भूगोल जिसके अन्तर्गत प्राणिशास्त्रीय अवधारणा के आधार पर मानव-प्रजातियों की उत्पत्ति, विकास, विश्व-वितरण तथा उनके स्थानान्तरणों एवं विभिन्न प्रजातियों के परम्परिक सम्मिश्रण का विवेचन करता हैं ।
8.
जैविकीय तत्त्व (भिओलोगिचल् ञच्टोर्)--जैविकीय तत्त्वों का अर्थ यहनहीं है कि वेश्यावृत्ति के तत्त्व वंशानुक्रमण में होते हैं, बल्कि इसकातात्पर्य सिर्फ इतना ही है कुछ प्राणिशास्त्रीय दशाएँ वेश्यावृत्ति मेंसहायक होती हैं.
9.
वह एक महान कवि थे, उनकी व्याख्या करो, दार्शनिक व्याख्या, मनोवैज्ञानिक व्याख्या, प्राणिशास्त्रीय व्याख्या, शरीरशास्त्रीय व्याख्या, जो चाहे करो, मगर ईश्वर काहे बनाते हो।