रियायतों, अनुज्ञापञ तथा प्राधिकार के प्राप्तिकर्ता का विवरण
2.
प्राप्तिकर्ता उसे शुदृ दान समझता था ।
3.
प्राप्तिकर्ता उसे शुदृ दान समझता था ।
4.
इस अनुदेश का संसाधन कर निधियॉं संबंधित प्राप्तिकर्ता को उपलब्ध करायी जाती है ।
5.
इस अनुदेश का संसाधन कर निधियॉं संबंधित प्राप्तिकर्ता को उपलब् ध करायी जाती है ।
6.
श्राद्ध कृत्यों में ऐसा नहीं है कि केवल ' देवदत्त' आदि नाम वाले पूर्वज ही प्राप्तिकर्ता हैं और वे पितृ, पितामह एवं प्रपितामह शब्दों से लक्षित होते हैं।
7.
इसी से ये अधिष्ठाता देवतागण श्राद्ध में किये गये दानादि के प्राप्तिकर्ता होते हैं, श्राद्ध से तर्पित (संतुष्ट) होते हैं और मनुष्य के पितरों को संतुष्ट करते हैं।
8.
श्राद्ध कृत्यों में ऐसा नहीं है कि केवल ' देवदत्त ' आदि नाम वाले पूर्वज ही प्राप्तिकर्ता हैं और वे पितृ, पितामह एवं प्रपितामह शब्दों से लक्षित होते हैं।
9.
इसी से ये अधिष्ठाता देवतागण श्राद्ध में किये गये दानादि के प्राप्तिकर्ता होते हैं, श्राद्ध से तर्पित (संतुष्ट) होते हैं और मनुष्य के पितरों को संतुष्ट करते हैं।