वि मल का महाकवि आरसी प्रसाद सि ह पर आलेख है और इसे प्रेषि त करते हुए उन् होंने (डा.
3.
जनवादी लेखक संघ उनके परिवार के सभी सदस्यों और प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रेषि त करता है और हरीश भादानी की स्मृति के प्रति आंतरिक श्रध्दांजलि अर्पित करता है।
4.
सुधाजी ने इस कार्य में जो मदद की वह मूल् यवान है, उनकी मूल् यवान मदद के कारण ही नेट पर मुक् ति बोध पर वरि ष् ठ आलोचकों के मौलि क वि चारों को सम् प्रेषि त कर पाए।