शनिवार 22 अगस्त को एक छापे में धरे गए चापलूसी, चालकी और गुलामों की तरह फर्माबरदारी के लिए जाने-जाने वाले श्री येशुरत्नम वास्तव में उपरोक्त तीनों वरिष्ठ अधिकारियों का मोहरा बने हैं और उन्होंने अपने बयान में सीबीआई को उनके नाम सहित काफी हकीकत बयान की है.