संज्ञा
| काँटे के समान बाँस,लकड़ी आदि का टुकड़ा जो शरीर में चुभ जाता है:"लकड़ी फाँड़ते समय उसके हाथ में फाँस धँस गयी"
| | वह कसक या मानसिक व्यथा जो सदा तो न रहे पर समय-समय पर किसी बात या मनुष्य के स्मरण से होती हो:"नटसाल कभी-कभी मुझको उदास कर देता है" पर्याय: नटसाल,
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