ऐसे क्षारकों में अमोनिया, हाइड्राक्सीलेमिन और फास्फीन हैं।
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ऐसे क्षारकों में अमोनिया, हाइड्राक्सीलेमिन और फास्फीन हैं।
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ऐसे क्षारकों में अमोनिया, हाइड्राक्सीलेमिन और फास्फीन हैं।
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अमोनिया तथा फास्फीन में भी ण् तथा फ्कीसंयोजकताएँ + ३ हैं.
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अमोनिया तथा फास्फीन में भी ण् तथा फ्की संयोजकताएँ +3 हैं।
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अमोनिया तथा फास्फीन में भी ण् तथा फ्की संयोजकताएँ +3 हैं।
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अमोनिया तथा फास्फीन में भी ण् तथा फ्की संयोजकताएँ +3 हैं।
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इसके निवारण क़ी एक मात्र विधि यही है कि जब स्वयं के शरीर से उत्सर्जित Sodium Tetrachloride के संपर्क में डाईथिलफास्फामाजाईन क्लोरेट (गुगुल एवं लोबान), मैथिल ग्लीआकजायिन (अगरु एवं तगरु), हेक्ट्रानईट्रीसिन (समुद्रफेन एवं माजूफल) तथा इथियो फास्फीन (कपूर) आ जा य.