फुफ्फुसावरण: गुग्गुल 240 मिलीग्राम से 960 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से फुफ्फुसावरण रोग में लाभ मिलता है।
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फुफ्फुसावरण: गुग्गुल 240 मिलीग्राम से 960 मिलीग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने से फुफ्फुसावरण रोग में लाभ मिलता है।
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इसमें थोड़ा-सा पतला सीरमी द्रव (serous fluid) भरा होता है, जो फुफ्फुसावरण की परतों को चिकना करता है।
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प्लूरा अर्थात फुफ्फुसावरण की दोनों परतों के बीच हल्के से खाली स्थान को ‘ फुफ्फुसावरणी-गुहा ' (pleural cavity) कहा जाता है।
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यह शरीर में फुफ्फुसावरण (Pleura), हृदयावरण (pericardium), तथा उदरावरण (peritoneum) के रूप में पायी जाती है।
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फुफ्फुसावरण (Pleura)-फुफ्फुसावरण (pleura) एक दोहरी परत वाली सीरमी कला (double serous membrane) होती है, जो हर फेफड़े को घेरे रहती है।
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फुफ्फुसावरण (Pleura)-फुफ्फुसावरण (pleura) एक दोहरी परत वाली सीरमी कला (double serous membrane) होती है, जो हर फेफड़े को घेरे रहती है।
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अंतरांगी फुफ्फुसावरण ' (visceral pleura) फेफड़ों से बिल्कुल चिपकी (closely inserted) रहती है और फेफड़ों की दरारों (fissures) में घुसकर खण्डों को अलग करती है।
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आंत्रिक ज्वर (टायफाइड), खसरा, इंफ्लुएंजा, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस (श्वासनली की सूजन), फुफ्फुसावरण शोथ (प्लूरिसी) आदि रोगों में भी खांसी उत्पन्न होती है।