|  | 1. | छाती का फुलाव, कद काठी के अनुकूल होना चाहिए। 
 
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|  | 2. | बस आवश्यकता है तो ' रोटी के फुलाव की '. 
 
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|  | 3. | फुलाव से लंबी और आंत्रपेशी-अस्तर की परावर्तित क्रियाएं सक्रिय करती है. 
 
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|  | 4. | फुलाव से लंबी और आंत्रपेशी-अस्तर की परावर्तित क्रियाएं सक्रिय करती है. 
 
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|  | 5. | प्रमस्तिष्क फुलाव के कारण कंसट्रक्शनल चेष्टा-अक्षमता यकृत मस्तिष्कशोथ के साथ होता है. 
 
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|  | 6. | उसी से बकार थोड़ा फुलाव लेकर उगने की क्रिया कर रहा है। 
 
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|  | 7. | यह उदर के फुलाव, उदर में आहार की मौजूदगी और पीएच ( 
 
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|  | 8. | प्रमस्तिष्क फुलाव के कारण कंसट्रक्शनल चेष्टा-अक्षमता यकृत मस्तिष्कशोथ के साथ होता है. 
 
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|  | 9. | ग्रसनी (भोजननली) की शिराओं में फुलाव और सूजन हो गया हो। 
 
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|  | 10. | तीसरे चरण में अंतः श्वसन के समय छाती का पूरा फुलाव करते हैं। 
 
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