आगजनी और हत्याओं के नंगे-नाच के बीच अंततः सारे गिले-शिकवे मिटाकर माधो पांड़े और बच्चासिंह का बाभन-राजपूती मेल हो जाता है।
3.
बच्चासिंह का तर्क भी कि, खड़ा किए हम, जिताएंगे हम तो राज कौन करेगा, चमार? कोई असर नहीं करता।
4.
अपनी इस चाल में बच्चा सिंह सफल तो हो जाते है, लेकिन गोकुल चुनाव नहीं जीत पाता, क्योंकि बच्चासिंह को छोड़कर सभी राजपूत टोले के लोग अपने मत का प्रयोग करने नहीं जाते।