स्कूल के अध्यापक भी उसकी बदमिजाज़ी का शिकार होने लगे।
3.
ग्राहकों से खिंचा रहता. स्कूल के अध्यापक भी उसकी बदमिजाज़ी का शिकार होने लगे.
4.
“ इतनी भी बदमिजाज़ी हर लहज़ा मीर तुम को उलझाओ है ज़मीं से झगड़ा है आस्मां से ”
5.
अजीब हालातों से गुज़र रहा हूँ, अपनी ही बातों से मुकर रहा हूँ, मेरी बातें मेरी बदमिजाज़ी नही खाली बरतन हूँ अभी भर रहा हूँ
6.
दुनियां में अब बदी न कहीं औ निकोई (अच्छाई) है ना दुश्मनी न दोस्ती ना तुन्दखोई (बदमिजाज़ी) है कोई किसी का, और किसी का न कोई है सब कोई है, उसी का कि जिस हाथ डोई है नौकर नफ़र (ग़ुलाम) बनाती है रोटियां