| 1. | ऐसे बलों के समूह को बलयुग्म (
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| 2. | बलयुग्म के परिणामी आघूर्ण को बलाघूर्ण (टॉर्क) कहते हैं।
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| 3. | इस प्रकार कार्य कर रहे हैं कि उनसे एक बलयुग्म का निर्माण होता है।
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| 4. | अर्थात किसी पिण्ड पर बलयुग्म लगा हो तो द्रव्यमान केन्द्र का त्वरण नहीं होता।
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| 5. | हो तो संतुलन की स्थिति में, गुरुत्वाकर्षण का बलयुग्म = तार की ऐंठन का बलयुग्म
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| 6. | हो तो संतुलन की स्थिति में, गुरुत्वाकर्षण का बलयुग्म = तार की ऐंठन का बलयुग्म
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| 7. | किसी पिंड पर जब कोई बलयुग्म कार्य करता है, तब उस पिंड में बलयुग्म (
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| 8. | किसी पिंड पर जब कोई बलयुग्म कार्य करता है, तब उस पिंड में बलयुग्म (
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| 9. | T हो तो संतुलन की स्थिति में, गुरुत्वाकर्षण का बलयुग्म = तार की ऐंठन का बलयुग्म
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| 10. | T हो तो संतुलन की स्थिति में, गुरुत्वाकर्षण का बलयुग्म = तार की ऐंठन का बलयुग्म
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