संज्ञा
| शोभित होने की अवस्था या भाव:"सूर्यास्त के समय आकाश की छटा देखते ही बनती है" पर्याय: शोभा, छवि, छटा, सौन्दर्य, सौंदर्य, कांति, कान्ति, दीप्ति, रमणीयता, सुन्दरता, सुंदरता, जल्वा, जलवा, जीनत, ज़ीनत, फिज़ा, फिजा, छबि, इंदिरा, इन्दिरा, ज़ेब, सारंग, धाम, हुस्न,
| | सुंदर होने की अवस्था या भाव:"कश्मीर की सुंदरता देखते ही बनती है" पर्याय: सुंदरता, सुन्दरता, खूबसूरती, सौंदर्य, रमणीयता, मनोहरता, मोहकता, चारुता, लावण्य, द्युति, अभिरामता, मंजुलता, आकर्षकता, लालित्य, कमनीयता, काम्यता, जल्वा, जलवा, सौन्दर्य, सुरम्यता, सलोनापन, मनोहरताई, सौष्ठव, नुनाई, हुस्न, रूप, सौंदर्यता, सौन्दर्यता, व्युष्टि,
| | / वसंत को कवियों ने ऋतुराज की संज्ञा दी है" पर्याय: वसंत, बसंत, ऋतुराज, कुसुमाकर, बसंत ऋतु, वसंत ऋतु, वसन्त, पिकप्रिय, पिकानंद, पिकानन्द, माधव, पुष्पसमय, शिशिरांत, शिशिरान्त, कामसखा, बलांगक, इष्य, ईष्म,
| | सुहावना होने या लगने की अवस्था या भाव:"वसंत की बहार चहु ओर दिखाई दे रही है" पर्याय: सुहावनापन, रौनक, रौनक़,
| | यौवन का विकास या जवानी का रंग:"सोलहवें साल की बहार देखते ही बनती है"
| | विकसित होने की अवस्था या भाव:"बागों में हर तरफ बहार है" पर्याय: प्रफुल्लता, रौनक, रौनक़, विकास,
| | एक रागिनी:"बहार वसंत ऋतु में रात के तीसरे पहर में गाई जाती है"
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