इसमें किलकिला, कुररी, बाटन, धोबिन, टिटहरी और धोमरा आदि आते हैं।
3.
“ यो रहीम सुख होत है उपकारी के संग, बाटन वारे के लगे ज्यों मेंहदी के रंग ”
4.
अमर सिंह जाती के आधार पर राजनीति करे क कोशिश करत बाटे जवन की पूर्वांचल ही ना त पुरे देश के लिए सरम क बात बाय इस तरह क राजनीति आपसी भाईचारा के खराब कई देई, आज क नेता लोग इंसान कम बन्दर ज्यादा बाटन उनके इधर-उधर कूदी मारत देखि बेचारा बन्दर भी सरमाय जाला
5.
ना बाटन को मामला, न चैनल खबर बनाय बाणी एसी बोलिये, वोट-बैंक को हिसाब लगाये जनता चाहे जलि मरै, चाहे कोर्ट मे चक्कर खाये बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे अमिताभ उसूल विज्ञापन ते नोट बनाय, बाकी जाये भूल भला जो देखण मै चला, भला न मिलया कोए मुझते और मेरे लाल ते जग मे भलो न कोए “काल लूटॆ सो आज लूट, आज मारे सो अब जब वोटिंग हो जायेगी, बहूरी करोगे कब.”