| 1. | आचार्य शुक्ल की दृष्टि में यह चित्रात्मकता ही बिंब-विधान है।
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| 2. | उनका बिंब-विधान और पर्यवेक्षी दृष्टि मूल्यवान सृजन की ओर संकेत करते हैं।
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| 3. | उन्ही के शब्दों में-“ कविता में मैं सबसे अधिक ध्यान देता हूं बिंब-विधान पर।
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| 4. | साधारणीकरण के संदर्भ में आचार्य ने एक मूलतः आधुनिक पाश्चात्य अवधारणा बिंब-विधान का प्रसंग छेड़ा है।
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| 5. | बिंब-विधान का संबंध जितना काव्य की विषय-वस्तु से होता है, उतना ही उसके रूप से भी।
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| 6. | शीतल शेटे ने दोनों कविताओं के रचना-विधान, भाषा-शैली, प्रतीक-योजना और बिंब-विधान की गहराई से पड़ताल की है।
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| 7. | केदार तारसप्तक की भूमिका में स्वीकार करते हैं कि वे सबसे अधिक ध्यान कविता के बिंब-विधान पर देते हैं।
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| 8. | और बिंब-विधान पत्र मे अंतर्निहित स्थाई वेदना के स्वाभाविक संप्रेषण मे कहीं से बाधा डालते से प्रतीत हु ए..
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| 9. | प्रकृति-चित्रण के साथ बिंब-विधान भी वैसा ही घरेलू है, मुरैठा बांधे छोटा-सा चना जो साधारण जन के सहज आत्मविश्वास का प्रतीक है।
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| 10. | साथ ही उन्होंने लोर्का, वैयेख़ो और चेलान जैसे कवियों का गंभीरता से अध्ययन कर उनके बिंब-विधान को अपने सांस्कृतिक धरातलों पर साधने का प्रयास किया।
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