भक्तिरस-सिन्धु असीम और अतुल हैं उसका बिन्दुमात्र तुम्हें आस्वादन कराता हूँ, सुनो।
2.
पत्नी बोली, ' नौ सौ नदियों को लेकर गंगा और नौ सौ ही नदियों का जल लेकर सिन्धु नदी जिसको प्रतिदिन भरती रहती हैं उस समुद्र को तुम अपनी बिन्दुमात्र वाहिनी चोंच से कैसे सुखा पाओगे? '