कपड़ो का बेठन खोला तो अच्छी से अच्छी सारिया दिखायी दी।
2.
इस दश में मेज के ऊपर बेठन (कंबल, बैक ग्रे आदि) न भी रहे तो कोई असुविधा नहीं होती।
3.
इस दश में मेज के ऊपर बेठन (कंबल, बैक ग्रे आदि) न भी रहे तो कोई असुविधा नहीं होती।
4.
उस आदमी ने फुर्ती से बेठन का कपड़ा डाल दिया और उस डिब्बे को उसी तरह बंद कर उस औरत के सामने से हटा लिया।
5.
डिब्बा खोलने के बाद पहले कुछ कपड़ा हटाया जो बेठन की तौर पर लगा हुआ था, इसके बाद झांककर उस चीज को देखा जो उस डिब्बे के अंदर थी।
6.
जिस समय देवदत्त पण्डित ने चिल्लाते हुए यह क़सम खायी उस समय रविदत्त पण्डित के हाथ मेँ यही पोथी थी जिसे चुपचाप उन्होँने बेठन मेँ लपेट कर दीवाल मेँ बने आले पर रख दिया था.
7.
जिस समय देवदत्त पण्डित ने चिल्लाते हुए यह क़सम खायी उस समय रविदत्त पण्डित के हाथ मेँ यही पोथी थी जिसे चुपचाप उन्होँने बेठन मेँ लपेट कर दीवाल मेँ बने आले पर रख दिया था.
8.
लिहाज़ा जब देवदत्त पण्डित के घर मेँ दीवाल पर बेठन मेँ लिपटी पोथी की ओर उँगुली दिखा कर हरिदत्त पण्डित ने कुछ व्यंग्य से यह कहा कि, “कोदई अगर यहाँ कभी लौटे भी तो इस पोथी को छोड़ कर कुछ नहीँ पायेँगे” तो उनके मुँह पर गाँव मेँ इस बात को अनुचित कहने वाला कोई नहीँ था यद्यपि हरिदत्त पण्डित से भी लोग वैसे ही नहीँ डरते थे जैसे वे देवदत्त पण्डित से नहीँ डरते थे.
9.
लिहाज़ा जब देवदत्त पण्डित के घर मेँ दीवाल पर बेठन मेँ लिपटी पोथी की ओर उँगुली दिखा कर हरिदत्त पण्डित ने कुछ व्यंग्य से यह कहा कि, “ कोदई अगर यहाँ कभी लौटे भी तो इस पोथी को छोड़ कर कुछ नहीँ पायेँगे ” तो उनके मुँह पर गाँव मेँ इस बात को अनुचित कहने वाला कोई नहीँ था यद्यपि हरिदत्त पण्डित से भी लोग वैसे ही नहीँ डरते थे जैसे वे देवदत्त पण्डित से नहीँ डरते थे.
परिभाषा
वह कपड़ा जिसमें पुस्तकें, बहियाँ आदि बाँधी जाती हैं या बाँधकर रखी जाती हैं:"दादाजी रसीदों को बस्ते में रखते हैं" पर्याय: बस्ता, बसना, आवरण,