जहाँ मिलेगी जिंदगानी को कुछ राहत, बेनसीब वो तेरे सपनों का गुलज़ार होगा.
2.
बल्कि हम बेनसीब हुए (29) {27} (29) उसके मुनाफ़े से मिस्कीनों को न देने की नियत करके.
3.
और उनके मालों में हक़ था मंगता और बेनसीब का (20) {19} (20) मंगता तो वह जो अपनी हाजत के लिये लोगो से सवाल करे और मेहरूम वह कि हाजतमन्द हो और शर्म से सवाल भी न करे.