कार्यगत व्यवस्था में भूमिका-निर्वाह एवं अनुप्रयोग.
2.
यह विचार और कथा की दुनिया में भूमिका-निर्वाह के लिए आवश्यक था।
3.
यह विचार और कथा की दुनिया में भूमिका-निर्वाह के लिए आवश्यक था।
4.
अनेक अध्ययनों ने यह प्रदर्शितकिया है कि व्यक्ति के विश्वास एवं अभिवृत्ति-कथन भूमिका-निर्वाह केद्वारा प्रोत्साहन दिया जा सकता है.
5.
समाज भूमिका-निर्वाह के ढ़ंग का नियंत्रण तथा मूल्यांकन करता है और मानक (standards) से किसी भी प्रकार के गंभीर विचलन (deviation) को निंदनीय ठहराता है।
6.
इसमें एक साथ किस्से है कहानियाँ है लोक, संवाद, घटनाएँ, भूमिका-निर्वाह, साधारणीकरण है और एक सीमा तक यह रंगमचीय विधियों के प्रयोग के कारण इसमें समानता भी है लेकिन दूसरे ही क्षण तकनीकी के कारण यह उससे पर्याप्त भिन्न भी है.