इसलिए नहीं कि वे मेरे भ्रातृतुल्य स्नेही मित्र हैं, बल्कि इसलिए भी कि वे गत ३० बरसों से इस अंचल के किसान, आदिवासियों और दलितों के संघर्ष में शामिल रहे हैं।
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इसलिए नहीं कि वे मेरे भ्रातृतुल्य स्नेही मित्र हैं, बल्कि इसलिए भी कि वे गत ३ ० बरसों से इस अंचल के किसान, आदिवासियों और दलितों के संघर्ष में शामिल रहे हैं।