संज्ञा
| समुद्री सीपी से निकलने वाला एक बहुमूल्य रत्न:"गीता ने मोती की अँगूठी पहनी थी" पर्याय: मोती, मुक्ता, शुक्तिज, नीरज, मुक्तामणि, अब्धिमंडूकी, मंजरी, इंदुरत्न, इन्दुरत्न, सलना, शुक्तिबीज, शुक्तिमणि, सिंधुजात, सिन्धुजात, सिंधुसुतासुत, सिन्धुसुतासुत, शशिप्रभ, शशि, शशिप्रिय, हेमवल, हैमवत,
| | पूर्वी एशिया और उसके आस-पास के टापुओं में जलाशयों के पास अधिकता से होने वाली एक लता जिसके डंठलों से छड़ियाँ बनती हैं तथा टोकरियाँ, कुर्सियाँ, झूले आदि बुने जाते हैं:"मोहन ने अपने घर के पीछे बेंत लगा रखा है" पर्याय: बेंत, बनीर, वंजुल, वानीर, निचुल, वेत्र, पत्रमाल, सुषेण, योगिदंड,
| | पच्चीस से तीस फुट ऊँचा एक सदाहरित पेड़ जिसकी पत्तियाँ आम की पत्तियों की तरह लंबी होती हैं:"अशोक पूरे भारत में पाया जाता है" पर्याय: अशोक, अशोक वृक्ष, शिंशपा, शिंशुपा, हेमपुष्प, हेम पुष्प, तामृपवल्लव, चैत्यतरु, चैत्यद्रुम, चैत्यवृक्ष, पुष्पपिंड, पुष्पपिण्ड, दोहली, रोगितरु, केलिक, कामुक, रक्तपल्लव, ताम्रपल्लव, रागी,
| | एक पौधा जिसके दानों से तेल निकलता है:"तिल के बीज पूजा,यज्ञ आदि में काम आते हैं" पर्याय: तिल, मंजरी, पूत, साराल, मुखमंडनक, मुखमण्डनक, हेमधान्यक,
| | पवित्र माना जाने वाला एक झाड़ जिसकी पत्तियों में गंध होती है:"तुलसी की पत्तियाँ औषध के काम में आती हैं" पर्याय: तुलसी, पावनी, बहुमंजरी, वृंदा, वृन्दा, वैष्णवी, भारवी, विश्वपावन, विश्वपूजिता, पुष्पसारा, त्रिदशमंजरी, त्रिदशमञ्जरी, तीव्रा, पत्रपुष्पा, श्रीमंजरी, श्रीमञ्जरी, प्रेतराक्षसी, भूतघ्नी, भूतपत्री, अमृता, पुण्या, पवित्रा, पर्णास,
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