इस तिथि में मकरराशि, सूर्य एवं चंद्रमा का संयोग होता है।
2.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकरराशि बारह राशियों में दसवीं राशि होती है।
3.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकरराशि बारह राशियों में दसवीं राशि होती है।
4.
, अनु. 109 / 4) जिन मनुष्यों को चिरकालतक स्वर्गलोक में रहने की इच्छा हो, उन्हें माघमास में सूय र् के मकरराशि में स्थित होने पर अवश्य स्नान करना चाहिये।
5.
राजसूयमवाप्नोति कुलं चैव समुद्धरेत॥ (महा. अनु. 109 / 5) जिन लोगों की चिरकाल तक स्वर्गलोक में रहने की कामना हो, उन्हें माघ मास में सूर्य के मकरराशि में स्थित होने पर स्नान अवश्य करना चाहिए।
6.
जैसे मृगशिरा में शुक्र का उदय होना, मंगलवार को संक्रांति होना, मकरराशि गत सूर्य का भद्रा में उदय होना तथा गुरु का वक्री एवं शुक्र का शत्रु क्षेत्री होकर उदय होना, ऐसे विपरीत समय में कुम्भ स्नान जो न करे, उसके दुर्भाग्य को स्वयं भगवान शिव भी नहीं टाल सकते हैं।
परिभाषा
बारह राशियों में से दसवीं राशि जिसमें उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के अंतिम तीन पाद,पूरा श्रवण और धनिष्ठा के आरंभ के दो पाद हैं:"मुझे मकर राशि का वार्षिक भविष्यफल जानना है" पर्याय: मकर_राशि, मकर, जलरूप, मृग,