एक या अधिक नर, मादा के पास आता है, और अपने शुक्राणु, या मिल्ट मत्स्यांड पर जमा कर जाता है.
2.
मादा इसके बाद ऊपर की धारा में बाजारी को हिलाकर अण्डों को ढक देती है और फिर दूसरा मत्स्यांड बनाने चली जाती है.
3.
मत्स्यांड देने के लिए, मादा सैल्मन पूंछ का उपयोग करती है (दुम फ़िन) जिससे वह एक कम दबाव का क्षेत्र बनाती है, बजरी को उठा कर नीचे की ओर बहाती है, और एक उथला ढलान बनाती है जिसे रेड कहते हैं.