| 1. | मर्सरीकरण के लिये लंबे रेशेवाली रूई अच्छी समझी जाती है।
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| 2. | मर्सरीकरण से रूई के गुणों में कोई परिवर्तन नहीं होता।
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| 3. | मर्सरीकरण से रूई के गुणों में कोई परिवर्तन नहीं होता।
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| 4. | मर्सरीकरण के लिये लंबे रेशेवाली रूई अच्छी समझी जाती है।
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| 5. | मर्सरीकरण दाहक सोडा के विलयन के प्रयोग से संपन्न होता है।
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| 6. | उन्हीं के नाम पर इस प्रक्रिया का नाम मर्सरीकरण पड़ा है।
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| 7. | मर्सरीकरण दाहक सोडा के विलयन के प्रयोग से संपन्न होता है।
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| 8. | दोहरी परत के सूत का ही सबसे अधिक मात्रा में मर्सरीकरण होता है।
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| 9. | दोहरी परत के सूत का ही सबसे अधिक मात्रा में मर्सरीकरण होता है।
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| 10. | दाहक सोडा के अतिरिक्त अन्य अभिकर्मक भी मर्सरीकरण के लिये उपयुक्त हो सकते हैं।
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