ओरंगउटान एशिया में वर्तमान युग में पाया जाने वाला अकेला महाकपि (बड़े अकार का मानवनुमा कपि) है।
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ओरंगउटान एशिया में वर्तमान युग में पाया जाने वाला अकेला महाकपि (बड़े अकार का मानवनुमा कपि) है।
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महाकपि हनुमान् जी ने उसे एक घूँसा मारा, जिससे वह खून की उलटी करती हुई पृथ्वी पर लुढक पड़ी॥ 2 ॥
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महाकपि-यह बड़े अकार के मानवनुमा कपि होते हैं, जो चार शाखाओं में होते हैं-चिम्पान्ज़ी, गोरिल्ला, मनुष्य और ओरंगउटान
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किशोर घिल्डियाल स्कंदपुराण में उल्लेख है कि भगवान महादेव के ग्यारहवें रुद्र ही भगवान विष्णु की सहायता हेतु महाकपि हनुमान बनकर अवतरित हुए।
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महाकपि-यह बड़े अकार के मानवनुमा कपि होते हैं, जो चार शाखाओं में होते हैं-चिम्पान्ज़ी, गोरिल्ला, मनुष्य और ओरंगउटान
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गुफा संख्या १७इस गुफा में विलासी का वैराग्य, पागल हाथी पर अंकुश, महाकपि का त्याग, हंस, वेस्सन्तर, करुणा, नरभक्षी, मच्छ जातक, बुद्ध का यशोधरा से भिक्षामांगना.
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तीव्र गति से उड़ते हुए महाकपि पवनसुत ऐसे प्रतीत हो रहे थे जैसे कि वे महासागर एवं अनन्त आकाश का आचमन करते हुये उड़े जा रहे हैं।