ऐसे पत्थरों को महाश्म कहते हैं और इस प्रकार के श्मशान दुर्ग और धमतरी के पास भी पाए गये है.
2.
हे त्रि-दंडिके, तुम्हारा अमल धवल शुभ्र महाश्म श्रु शोभित त्रि-दंड मंडल व द्वि-गुल्लिका देख करके हमें वासना हुई कि हम तुम्हारी स्तुति करें अतएव हे क्रिकेट, हम निठल्ले तुमको प्रणाम करते हैं।